भारत में कोविड-19 की वापसी: NB.1.8.1 और LF.7 वेरिएंट्स से सतर्क रहें

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

भारत में कोविड-19 के मामलों में फिर से वृद्धि देखी जा रही है, जिससे स्वास्थ्य विभाग और आम जनता के बीच चिंता बढ़ गई है। हालांकि कुल सक्रिय मामलों की संख्या अभी भी कम है, लेकिन नए वेरिएंट्स और कुछ राज्यों में मामलों की बढ़ती संख्या ने सतर्कता बढ़ा दी है।

भारत में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 25 मई 2025 तक भारत में कुल सक्रिय कोविड-19 मामलों की संख्या 257 है। हालांकि यह संख्या कम है, लेकिन कुछ राज्यों में मामलों की संख्या में वृद्धि देखी गई है, जो चिंता का विषय है।

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किस राज्य में कितने मामले?

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 12 मई से 19 मई के बीच कई राज्यों में सक्रिय कोविड-19 मामलों में धीरे-धीरे वृद्धि हुई है। केरल में सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं, जहां 95 नए सक्रिय मामले सामने आए हैं। तमिलनाडु 66 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि महाराष्ट्र 56 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर है।

नए वेरिएंट्स NB.1.8.1 और LF.7

भारत में दो नए कोविड-19 वेरिएंट्स की पहचान हुई है: NB.1.8.1 और LF.7। NB.1.8.1 का एक मामला तमिलनाडु में और LF.7 के चार मामले गुजरात में पाए गए हैं। ये वेरिएंट्स चीन, हांगकांग और अन्य एशियाई देशों में मामलों की वृद्धि के लिए जिम्मेदार माने जा रहे हैं।

राज्य सरकारों और अस्पतालों की तैयारियां

दिल्ली: दिल्ली सरकार ने अस्पतालों को बेड, ऑक्सीजन, जरूरी दवाओं और टीकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, सभी उपकरणों को कार्यशील स्थिति में रखने और डेली रिपोर्टिंग की व्यवस्था करने को कहा गया है।

आंध्र प्रदेश: विशाखापट्टनम के VIMS अस्पताल में 20-बेड का विशेष कोविड वार्ड स्थापित किया गया है। यहां रैपिड एंटीजन टेस्ट किट्स और जरूरी दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

कर्नाटक: कर्नाटक सरकार ने जनता से घबराने की जरूरत नहीं बताते हुए सतर्कता बरतने की अपील की है। सरकार ने संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है।

क्या घबराने की बात है?

स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, ज्यादा नए मामले हल्के हैं और घर पर ही इलाज संभव है। हालांकि, कुछ मामलों में पुरानी बीमारियों के कारण जटिलताएं देखी गई हैं। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक 21 वर्षीय डायबिटीज रोगी की मृत्यु हुई है।

बचाव के उपाय

भीड़भाड़ वाले स्थानों में मास्क पहनना

नियमित रूप से हाथ धोना

टीकाकरण और बूस्टर डोज़ लेना

बीमार महसूस होने पर घर पर रहना

भीड़भाड़ से बचना और सामाजिक दूरी बनाए रखना

किन लोगों को ज्यादा खतरा?

वरिष्ठ नागरिक, डायबिटीज, हार्ट डिजीज, अस्थमा या अन्य पुरानी बीमारियों से ग्रस्त लोग कोविड-19 के संक्रमण से अधिक प्रभावित हो सकते हैं। इन लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।

हालांकि भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या अभी कम है, लेकिन नए वेरिएंट्स और कुछ राज्यों में मामलों की वृद्धि चिंता का विषय है। स्वास्थ्य विभाग और सरकारें सतर्क हैं और जरूरी तैयारियां कर रहे हैं। आम जनता को भी सावधानी बरतने और सरकारी निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता है।

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